वांट हॉफ गुणांक
वैज्ञानिक वांट हॉफ ने विलयन में विलेय के संगुणन अथवा वियोजन के परिणाम को व्यक्त करने के लिए एक गुणांक प्रस्तावित किया। जिसे वांट हॉफ गुणांक कहा जाता है।
किसी विलयन में किसी विद्युत अपघट्य के संगुणन या वियोजन के बाद कणों की संख्या तथा पूर्व कणों की संख्या के अनुपात को वोट हॉफ गुणांक कहते हैं। इसे i द्वारा व्यक्त किया जाता है।
वांट हॉफ गुणांक तथा संगुणन की मात्रा में संबंध
माना विलेय के अणु संगुणित होकर एक अणु बनाते हैं एवं संगुणन की मात्रा ɑ है। तो
विलेय के संगुणन के बाद मोलों की संख्या = 1 – ɑ + ɑ/n
जबकि विलेय के संगुणन के पूर्व मोलों की संख्या = 1
i = संगुणन के बाद मोलों (कणों) की संख्या/संगुणन के पूर्व मोलों (कणों) की संख्या
यह समीकरण वांट हॉफ गुणांक तथा संगुणन की मात्रा में संबंध को व्यक्त करती है।
वांट हॉफ गुणांक तथा वियोजन की मात्रा में संबंध
माना किसी विलयन में विलेय का 1 मोल घुला है उसके वियोजन से n अणु प्राप्त होते हैं तथा विलेय की वियोजन की मात्रा ɑ है। तो
वियोजन के बाद मोलों की संख्या = 1 – ɑ + nɑ
वियोजन के पूर्व मोलों की संख्या = 1
i = वियोजन के बाद मोलों की संख्या/वियोजन के पूर्व मोलों की संख्या
यह समीकरण वांट हॉफ गुणांक (i) तथा वियोजन की मात्रा (ɑ) में संबंध को व्यक्त करती है।