वेग नियम
वह व्यंजन जिसमें किसी अभिक्रिया के वेग को अभिकारकों की मोलर सांद्रता के पदों में व्यक्त करते हैं। वेग नियम (rate law in Hindi) कहते हैं।
इस नियम में सांद्रण पर अभिक्रिया के वेग की वास्तविक निर्भरता व्यक्त करने वाले मान को प्रत्येक सांद्रता पद की घात के रूप में व्यक्त किया जाता है।
किसी रासायनिक अभिक्रिया के लिए
aA + bB → cC + dD
अभिक्रिया की दर A के सांद्रण की घात x तथा B के सांद्रण की घात y पर निर्भर करती है तो
वेग ∝ [A]x[B]y
या वेग = k [A]x[B]y
यह समीकरण अभिक्रिया वेग तथा अभिकारकों की सांद्रता में संबंध स्थापित करती है। यह समीकरण वेग नियम या वेज व्यंजन कहलाती है। इस नियम से अभिक्रिया का वेग अभिकारकों की सांद्रता के अनुक्रमानुपाती होता है।
कुछ अन्य उदाहरण :-
(i) H2 (g) + I2 (g) → 2HI (g)
वेग = k [H2][I2]
(ii) 2NO (g) + O2 (g) → 2NO2 (g)
वेग = k [NO]2[O2]
(iii) CHCl3 + Cl2 → CCl4 + HCl
वेग = k [CHCl3][Cl2]½
वेग स्थिरांक
स्थिर ताप पर अभिकारक पदार्थों के इकाई सांद्रण पर अभिक्रिया के वेग को उस अभिक्रिया का वेग स्थिरांक (rate constant in Hindi) कहते हैं। इस विशिष्ट अभिक्रिया वेग भी कहते हैं। इसे k द्वारा व्यक्त किया जाता है।
यह अलग-अलग अभिक्रियाओं के लिए अलग-अलग होता है। वेग स्थिरांक का मान ताप वृद्धि पर सदैव बढ़ता है।
एक सामान्य अभिक्रिया के लिए
aA + bB → cC + dD
अभिक्रिया का वेग नियम निम्न है।
वेग ∝ [A]a[B]b
या वेग = k [A]a[B]b
जहां k एक स्थिरांक है जिसे अभिक्रिया का वेग स्थिरांक कहा जाता है।
यदि [A] = [B] = 1 mol/L हो तो
वेग = k × 1 × 1
वेग = k
अतः किसी अभिक्रिया का वेग स्थिरांक उसे समय अभिक्रिया के वेग के बराबर होता है। जब अभिकारकों की सांद्रता इकाई हो।
वेग स्थिरांक की ताप पर निर्भरता :- किसी निश्चित ताप पर अभिक्रिया के वेग स्थिरांक का मान निश्चित होता है। ताप बढ़ाने पर वेग स्थिरांक का मान भी बढ़ता है।
वेग स्थिरांक की इकाई
वेग स्थिरांक का मात्रक अभिकारकों के सांद्रण को व्यक्त करने वाली घातों के योगफल पर निर्भर करता है।
अतः वेग स्थिरांक का मात्रक (मोल/लीटर)1-nसेकंड-1 होता है। जहां n वेग में प्रयुक्त घातों के योगफल को व्यक्त करता है।
गैसीय अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक का मात्रक (वायुमंडल)1-nसेकंड-1 (atm1-n sec-1) होता है।
वेग स्थिरांक के लक्षण
- वेग स्थिरांक का मान अभिकारकों के प्रारंभिक सांद्रण पर निर्भर नहीं करता है।
- वेग स्थिरांक का मान ताप पर निर्भर करता है। ताप के बढ़ने पर k का मान भी बढ़ता है।
- निश्चित ताप पर किसी विशेष अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक का मान निश्चित होता है।
आशा है कि वेग नियम या दर व्यंजक एवं वेग स्थिरांक का यह आर्टिकल आपके लिए मदद पूर्ण रहा होगा। अगर आपका कोई प्रश्न हो तो हमसे संपर्क अवश्य करें।