December 23, 2024

प्रथम कोटि की अभिक्रिया क्या है, उदाहरण, सूत्र, समीकरण, अर्ध आयु काल, वेग स्थिरांक

प्रथम कोटि की अभिक्रिया

वह अभिक्रिया जिसमे अभिक्रिया का वेग अभिकारकों की प्रथम घात के समानुपाती होता है। प्रथम कोटि की अभिक्रिया (first order reaction in Hindi) कहलाती है।
अर्थात् प्रथम कोटि की अभिक्रिया में अभिक्रियाएं होती हैं जिसमें अभिकारक के एक अणु का सांद्रण रासायनिक अभिक्रिया की प्रगति में परिवर्तित होता है।
अभिक्रिया का वेग = k [R]
जहां R अभिकारक का सांद्रण है।

प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग समीकरण

माना एक सामान्य अभिक्रिया है।
R → P
माना R का प्रारंभिक सांद्रण [R]0 तथा t समय पश्चात R का सांद्रण [R] हो जाता है।
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए t समय पर अभिक्रिया का वेग -d[R]/dt , अभिकारक R के सांद्रण की प्रथम घात [R]1 के समानुपाती होगा।
तो‌ अभिक्रिया का वेग ∝ [R]1
-d[R]/dt = k [R]
जहां k अभिक्रिया का वेग स्थिरांक है तो
-d[R]/[R] = k dt
दोनों तरफ समाकलन करने पर
-∫d[R]/[R] = k ∫dt
-loge[R] = kt + I     —समी.①
जहां I समाकलन स्थिरांक है।
जब t = 0 तो [R] = [R]0
तब समी.① से
-loge[R]0 = k × 0 + I
I = -loge[R]0
अब I का मान समी.① में रखने पर
-loge[R] = kt + (-loge[R]0)
loge[R] -loge[R]0 = – kt

प्रथम कोटि की अभिक्रिया क्या है

यह प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग समीकरण है।
यदि R का प्रारंभिक सांद्रण a है t समयअंतराल में इसके x मोल उत्पाद में परिवर्तित हो जाते हैं तो
[R]0 = a तथा [R] = (a-x) लें तो उपरोक्त समीकरण से

प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग समीकरण

विभिन्न आंकिक प्रश्न इसी सूत्र द्वारा हल किए जाएंगे। इसलिए आप छात्र इस सूत्र को अच्छे से याद रखें।

प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग स्थिरांक

प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए
अभिक्रिया का वेग = k [R]1
या k = वेग/[R] = सांद्रता/समय × 1/सांद्रता = 1/समय
यदि समय को सेकंड में व्यक्त किया जाए, तो प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक का मात्रक सेकंड-1 (sec-1) होता है। गैसीय प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक का मात्रक भी सेकंड-1 होता है।

प्रथम कोटि की अभिक्रिया का अर्ध आयु काल

यदि अभिकारक की प्रारंभिक सांद्रता [R]0 हो तथा t½ समय में सांद्रता [R]0/2 रह जाएगी तब

प्रथम कोटि की अभिक्रिया का अर्ध आयु काल

अतः प्रथम कोटि की अभिक्रिया का अर्ध आयु काल का मान केवल वेग स्थिरांक पर निर्भर करता है। यह अभिकारकों की प्रारंभिक सांद्रता पर निर्भर नहीं करता है।

प्रथम कोटि की अभिक्रिया के उदाहरण

  1. हाइड्रोजन पराक्साइड का विघटन –
    H2O2 → H2O + ½O2
    वेग = k [H2O2]1
    ∴ अभिक्रिया की कोटि = 1
  1. नाइट्रोजन पेंटाऑक्साइड का विघटन –
    N2O5 → 2NO2 + ½O2
    वेग = k [N2O5]1
    ∴ अभिक्रिया की कोटि = 1
  1. अमोनियम नाइट्राइट का विघटन –
    NH4NO2 → N2 + 2H2O
    वेग = k [NH4NO2]1
    ∴ अभिक्रिया की कोटि = 1

प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लक्षण

  1. प्रथम कोटि की अभिक्रिया के वेग स्थिरांक का मात्रक समय-1 होता है। जहां समय – सेकंड, मिनट या घंटों हो में हो सकता है।
  2. प्रथम कोटि की अभिक्रिया का अर्ध आयु काल अभिकारक की प्रारंभिक सांद्रता का निर्भर नहीं करता है। अर्ध आयु काल का मान अभिक्रिया के वेग स्थिरांक पर निर्भर करता है।
  3. प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लिए वेग या दर का मान अभिकारक के सांद्रण के समानुपाती होता है। वेग ∝ [R]

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