December 22, 2024

लैंथेनाइड संकुचन क्या है कारण और प्रभाव, उदाहरण, Lanthanide contraction in Hindi

f-ब्लॉक के तत्वों को दो श्रेणियां में विभाजित किया गया है 4f तथा 5f श्रेणी। इन्हें क्रमशः लैंथेनाइड तथा एक्टिनाइड कहते हैं प्रत्येक श्रेणी में 14 तत्व होते हैं। आइये लैंथेनाइड संकुचन या आकुंचन पर अध्ययन करते हैं।

लैंथेनाइड संकुचन

परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ-साथ लैंथेनाइड तत्वों की परमाणु व आयनिक त्रिज्याएं नियमित रूप से धीरे-धीरे घटती जाती हैं। लैन्थेनम से ल्यूटीशियम तक के तत्वों की परमाणु व आयनिक त्रिज्याओं का इस प्रकार धीरे-धीरे घटना लैंथेनाइड संकुचन (Lanthanide contraction in Hindi) कहलाता है।

आयनिक त्रिज्या का मान La3+ से Lu3+ तक 1.06Å (106 pm) से घटकर .85Å (85 pm) रह जाता है। नीचे सारणी में लैंथेनाइड तत्वों की परमाणु व आयनिक त्रिज्याओं की मान दिए गए हैं।

प्रतीकपरमाणु क्रमांकपरमाणु त्रिज्याएं (pm में)आयनिक त्रिज्याएं (pm में)
La57187106
Ce58183103
Pr59182101
Nd6018199
Pm6118198
Sm6218096
Eu6319995
Gd6418094
Tb6517892
Dy6617791
Ho6717689
Er6817588
Tm6917487
Yb7017386
Lu71

लैंथेनाइड संकुचन का कारण

लैंथेनाइड तत्वों में विभेदी इलेक्ट्रॉन (n-2)f-उपकोश अर्थात् 4f-उपकोश में प्रवेश करता है। इन इलेक्ट्रॉनों का परिरक्षण प्रभाव बहुत कम होता है तथा परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ-साथ नाभिकीय आवेश बढ़ता जाता है। एक 4f-इलेक्ट्रॉन द्वारा दूसरे 4f-इलेक्ट्रॉन का नाभिक से परिरक्षण दुर्बलता से होता है तथा परमाणु व आयनिक त्रिज्याएं, परमाणु क्रमांक की वृद्धि के साथ-साथ घटती जाती हैं और लैंथेनाइड संकुचन होता है।

लैंथेनाइड संकुचन का प्रभाव

लैंथेनाइड संकुचन के कारण लैंथेनाइड तत्वों से पहले तथा बाद में आने वाले तत्वों के गुण अत्यधिक प्रभावित होते हैं। जो निम्न प्रकार से हैं:

  • लैंथेनाइड संकुचन के कारण द्वितीय और तृतीय संक्रमण श्रेणियों के तत्वों की परमाणु और आयनिक त्रिज्याएं लगभग समान होती हैं।
  • लैंथेनाइड संकुचन के प्रभाव के कारण लैंथेनाइड तत्वों के रासायनिक गुणों में काफी समानता होती है इसलिए ही इन्हें शुद्ध अवस्था में पृथक् नहीं किया जा सकता है।
  • लैंथेनाइड संकुचन के कारण परमाणु के आकार में कमी होती है जिसके फलस्वरूप लैंथेनाइड के बाद उपस्थित सभी तत्वों में असामान्य रूप से उनके घनत्व में वृद्धि पायी जाती है।
  • लैंथेनाइड संकुचन के कारण 40Zr और 72Hf की परमाणु त्रिज्याएं लगभग समान होती हैं। जिसके कारण इन तत्वों के गुणों में अधिक समानताएं पायी जाती हैं।

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