पोटैशियम परमैंगनेट एक अस्थायी अम्ल, परमैंगनेट अम्ल का एक लवण है। यह मैंग्नीज के यौगिक में से एक है। आइये पोटैशियम परमैंगनेट पर विस्तार से अध्ययन करते हैं।
पोटैशियम परमैंगनेट
पोटैशियम परमैंगनेट का रासायनिक अणुसूत्र KMnO4 होता है। यह एक अस्थायी अम्ल, परमैंगनेट अम्ल (HMnO4) का लवण है। पोटैशियम परमैंगनेट उदासीन, क्षारीय तथा अम्लीय विलयन में एक प्रबल ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है। यह मैंग्नीज के महत्वपूर्ण यौगिक में से एक है।
पोटैशियम परमैंगनेट बनाने की विधि
पाइरोल्यूसाइड से :- पाइरोल्यूसाइड अयस्क (MnO4) की वायु की उपस्थिति में पोटैशियम हाइड्रोक्साइड के साथ गर्म करने पर पोटैशियम मैंग्नेट (K2MnO2) बनता है।
पोटैशियम मैंग्नेट में कार्बन डाइऑक्साइड CO2 गैस प्रवाहित करने पर पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4) बनता है।
3K2MnO4 + 2CO2 → 2KMnO4 + MnO2 + 2K2CO3
प्रयोगशाला विधि :- प्रयोगशाला में KMnO4 को मैंग्नीज (II) आयन के लवण परऑक्सो डाइसल्फेट द्वारा ऑक्सीकृत से प्राप्त किया जा सकता है।
2Mn2+ + 5S2O82- + 8H2O → 2MnO4– + 10SO42- + 16H+
पोटैशियम परमैंगनेट के भौतिक गुण
- पोटैशियम परमैंगनेट गहरे रंग का एक क्रिस्टलीय ठोस है।
- यह ठंडे जल में अल्प विलेय परंतु गर्म जल में पूर्ण विलेय है।
- पोटैशियम परमैंगनेट का गलनांक 523K तथा घनत्व 2. 703 g/cm3 होता है।
पोटैशियम परमैंगनेट के रासायनिक गुण
- ताप का प्रभाव :- पोटैशियम परमैंगनेट साधारण ताप पर स्थायी है परंतु तेज गर्म करने पर यह अपघटित होकर ऑक्सीजन देता है।
- सान्द्र H2SO4 से अभिक्रिया :- ठंडे एवं सांद्र H2SO4 के साथ क्रिया करने पर पोटैशियम परमैंगनेट, मैंग्नीज हेप्टोक्साइड (Mn2O7) बनता है। जो पुनः अपघटित होकर मैंग्नीज डाइऑक्साइड MnO2 तथा ऑक्सीजन O2 देता है।
2Mn2O7 → 4MnO2 + 3O2
- पोटैशियम परमैंगनेट हाइड्रोजन सल्फाइड H2+S को सल्फर S में ऑक्सीकृत कर देता है।
H2S → 2H+ + S2-
5S2- + 2MnO4– + 16H+ → 2Mn2+ + 8H2O + 5S
पोटैशियम परमैंगनेट के उपयोग
- संश्लेषण कार्बनिक रसायन में ऑक्सीकारक के रूप में।
- ऊनी, सूती, सिल्क वस्त्रों तथा तेलों के विरंजीकरण में।
- जल को शुद्ध करने में कीटनाशक के रूप में।
- प्रयोगशाला तथा औद्योगिक ऑक्सीकारक के रूप में।
- बायर अभिकर्मक के निर्माण में।
मैंग्नेट एवं परमैंगनेट आयनों की संरचनाएं
मैंग्नेट एवं परमैंगनेट दोनों ही आयन चतुष्फलकीय प्रकृति के होते हैं। ऑक्सीजन के p-कक्षक तथा मैंगनीज के d-कक्षक के अतिव्यापन से इनमें π-बन्ध पाया जाता है। हरा मैंग्नेट आयन (MnO42-) अनुचुंबकीय होता है क्योंकि इसमें एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होता है। परंतु बैंगनी परमैंगनेट (MnO4–) आयन प्रतिचुंबकीय होता है क्योंकि इसमें एक भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं होता है।
मैंग्नेट एवं परमैंगनेट आयनों की संरचनाएं निम्न प्रकार से हैं।