विद्युत रासायनिक श्रेणी
विभिन्न धातुओं को उनके मानक इलेक्ट्रोड विभवों (अर्थात् मानक अपचयन विभव) के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित करने पर जो श्रेणी प्राप्त होती है। उसे विद्युत रासायनिक श्रेणी (electrochemical series in Hindi) कहते हैं।
इस श्रेणी में सबसे अधिक इलेक्ट्रोड विभव वाले तत्व को सबसे ऊपर तथा शून्य इलेक्ट्रोड विभव वाले तत्व को बीच में एवं सबसे कम इलेक्ट्रोड वाले तत्व को सबसे नीचे रखा गया है।
विद्युत रासायनिक श्रेणी अर्थात् 298K ताप पर मानक इलेक्ट्रोड विभव के मान निम्न प्रकार से हैं।
तत्व | इलेक्ट्रॉन अभिक्रिया | मानक इलेक्ट्रोड विभव E° (Volt) |
Li | Li+ + e– → Li (s) | – 3.05 |
K | K+ + e– → K (s) | – 2.93 |
Ba | Ba2+ + 2e– → Ba (s) | – 2.90 |
Ca | Ca2+ + 2e– → Ca (s) | – 2.87 |
Na | Na+ + e– → Na (s) | – 2.71 |
Mg | Mg2+ + 2e– → Mg (s) | – 2.37 |
Al | Al3+ + 3e– → Al (s) | – 1.66 |
Zn | Zn2+ + 2e– → Zn (s) | – 0.76 |
Cr | Cr3+ + 3e– → Cr (s) | – 0.74 |
Fe | Fe2+ + 2e– → Fe (s) | – 0.44 |
Cd | Cd2+ + 2e– → Cd (s) | – 0.40 |
Ni | Ni2+ + 2e– → Ni (s) | – 0.25 |
Sn | Sn2+ + 2e– → Sn (s) | – 0.14 |
Pb | Pb2+ + 2e– → Pb (s) | – 0.13 |
H2 | 2H+ + 2e– → H2 (g) | 0.00 |
Cu | Cu2+ + 2e– → Cu (s) | + 0.34 |
I2 | I2 + 2e– → 2I– | + 0.54 |
Fe | Fe3+ + e– → Fe2+ (s) | + 0.77 |
Hg | Hg2+ + 2e– → Hg | + 0.79 |
Ag | Ag+ + e– → Ag (s) | + 0.80 |
Br2 | Br2 + 2e– → 2Br– | + 1.08 |
Cl2 | Cl2 + 2e– → 2Cl– | + 1.36 |
Au | Au3+ + 3e– → Au (s) | + 1.40 |
F2 | F2 + 2e– → 2F– | + 2.87 |
महत्वपूर्ण बिंदु :- विद्युत रासायनिक श्रेणी के यह मान एनसीईआरटी बुक के माध्यम से किए गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई तत्व कम ही लगता है तो कृपया करके अपनी किताब से एक बार जरूर मिला लें।
विद्युत रासायनिक श्रेणी के प्रमुख लक्षण
- किसी इलेक्ट्रोड का मानक अपचयन विभव ऋणात्मक है तो उसको मानक हाइड्रोजन विभव के साथ जोड़ने पर इलेक्ट्रोड ऋण ध्रुव (एनोड) तथा हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड धन ध्रुव (कैथोड) का कार्य करेगा।
- श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करने की प्रवृत्ति या अपचयित होने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
- श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर इलेक्ट्रॉनों का त्याग करने की प्रवृत्ति या ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति घटती जाती है।
- श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित तत्व हाइड्रोजन से अधिक प्रबल अपचायक है इन तत्वों का मानक इलेक्ट्रोड विभव (मानक अपचयन विभव) ऋणात्मक होता है।
- श्रेणी में हाइड्रोजन से नीचे स्थित तत्व हाइड्रोजन से दुर्बल अपचायक है इन तत्वों का मानक इलेक्ट्रोड विभव (मानक अपचयन विभव) धनात्मक होता है।
- विद्युत रासायनिक श्रेणी में धातुओं की सक्रियता ऊपर से नीचे की ओर जाने पर घटती जाती है।
विद्युत रासायनिक श्रेणी के अनुप्रयोग
- धातुओं की क्रियाशीलता :- जिस धातु का मानक इलेक्ट्रोड विभव का ऋणात्मक मान जितना अधिक होगा उस धातु की क्रियाशीलता भी उतनी ही अधिक होती है। विद्युत रासायनिक श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धातुओं का मानक इलेक्ट्रोड विभव का मान घटता है फलस्वरुप क्रियाशीलता भी घटती है।
- धातुओं की अपचायक क्षमता :- जिस धातु की इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति जितनी अधिक होती है वह उतनी ही अधिक प्रबल अपचायक होती है। श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर अपचायक क्षमता लगातार घटती जाती है।
- धातुओं का धन-विद्युती लक्षण :- जिन धातुओं का मानक इलेक्ट्रोड विभव अधिक ऋणात्मक होता है। उन धातुओं की इलेक्ट्रॉन त्याग करने की प्रवृत्ति प्रबल होती है अतः वह धातु अधिक धन-विद्युती होती हैं। विद्युत रासायनिक श्रेणी में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धातुओं का धन-विद्युतीय लक्षण घटता जाता है।
- विस्थापन अभिक्रियाएं :-
(i) धातुओं का विस्थापन :- विद्युत रासायनिक श्रेणी में जो धातु ऊपर होती है वह अपने नीचे वाले धातु को उसके लवण के जलीय विलयन से विस्थापित कर देती है।
Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu
(ii) धातुओं द्वारा अम्लों से हाइड्रोजन का विस्थापन :- जो धातुएं विद्युत रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर होती हैं वह धातुएं अम्लों के विलयन में हाइड्रोजन को विस्थापन कर देती हैं। क्योंकि हाइड्रोजन से ऊपर स्थित धातु, हाइड्रोजन से अधिक क्रियाशील होती हैं।
Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2 ↑
- धातु ऑक्साइडों का स्थायित्व :- मर्करी या इससे कम इलेक्ट्रोड विभव वाली धातुओं के ऑक्साइड गर्म करने पर अपघटित हो जाते हैं।
2Ag2O → 4Ag + O2 ↑
महत्वपूर्ण बिंदु :- विद्युत रासायनिक श्रेणी संबंध आंकिक तथा सत्यापन के ज्यादातर प्रश्न परीक्षाओं में आते हैं इसलिए इनको हल जरूर करें। एवं Zn, Al, Cu, Mg, Ag, Fe2+, Fe3+ के मानक इलेक्ट्रोड विभव के मान जरूर याद करें। क्योंकि ज्यादा प्रश्न इन्हीं में से आते हैं। सत्यापन वाले प्रश्नों को भी जरूर पढ़ें और अपनी समस्या को हमारे साथ साझा करें।